Saturday 28 February 2015

hindi shayari



वो बेवफा हमारा इम्तेहा क्या लेगी
मिलेगी नज़रो से नज़रे तो अपनी नज़रे ज़ुका लेगी
उसे मेरी कबर पर दीया मत जलाने देना
वो नादान है यारोअपना हाथ जला लेगी.










टूटे हुए प्याले में जाम नहीं आता
इश्क़ में मरीज को आराम नहीं आता
ये बेवफा दिल तोड़ने से पहले ये सोच तो लिया होता
के टुटा हुआ दिल किसी के काम नहीं आता ……..
 










करो कुछ ऐसा दोस्ती में
की ‘Thanks & Sorry’ words बे-ईमान लगे
निभाओ यारी ऐसे केयार को छोड़ना मुश्किल
और दुनिया छोड़ना आसान लगे












वक़्त नूर को बहनूर कर देता है
थोड़े से जखम को नासूर कर देता है
वरना कोन चाहता है तुम जेसे दोस्तो से दूर रहना
वक़्त ही तो इंसान को मजबूर कर देता










 
लोग रूप देखते है ,हम दिल देखते है ,
लोग सपने देखते है हम हक़ीकत देखते है,

लोग दुनिया मे दोस्त देखते है,
हम दोस्तो मे दुनिया देखते है.






          कफ़न
मौत एक सच्चाई है उसमे कोई ऐब नहीं
क्या लेके जाओगे यारों कफ़न में कोई जेब नहीं
एब = weakness

मनोज डिजिटल










आँखों से बरसात होती हैं
जब आपकी याद साथ होती है,
जब भी busy रहे मेरा cell
तो समझ लेना
आपकी होने वाली भाभी से मेरी बात होती हैं


















   Mehta

आज़ाद हैं तोह आसमान छु ही आएंगे
ज़िंदा है तो हर जंग जीत जायेंगे
साथ हैं हम तो दुनिया को दिखा आएंगे
तिरंगे के तीन रंगों में देश को समा जायेंगे



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