Monday 9 March 2015

Shayri


बिकने वाले ओर भी हैं→
जा कर खरीद ले_
Dost कीमत से नहीं,_
किस्मत से मिला करते हैं....
आदत हमा
री ख़राब
नहीं मेरी जान
बस ज़िन्दगी नवाबी जीते
हैं —.....
हर शाम से तेरा इज़हार किया करते है
हर ख्वाब मे तेरा दीदार किया करते
है
दीवाने ही तो है हम तेरे
जो हर वक़्त तेरे मिलने का इंतज़ार
किया करते है.

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